|
संत निरंकारी मिशन दिल्ली की ब्राच नीमच में 15 अगस्त को मुक्ति पर्व दिवस एक आध्यत्मिक सत्संग के रूप मनाया गया. इस दिन निरंकारी मिशन में विशेष इसलिये माना जाता है कि आजादी के स्वतंत्रता के साथ-साथ इस दिन मिशन में भी पूरातन समय के सदगुरू रूप में बाबा बूटासिंह, गुरुबच्चन जी माता वृद्धवति जी. बाबा हरदेवजी, माता सविन्दर जी बाबा रूपलाल जी ऐसे अनेक गुरू रूप के हुए। जिन्होने संत महा पुरूषों ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर जीवन मानवता की सेवा में समर्पित जीवन जिया और जीते जी मुक्ति पाई ऐसा महान प्ररेणा स्त्रोत संत निरंकारी सदगुरू ने अपना जीवन बलिदान किया व मुक्ति पाई है। इंदौर जोन के (महु) ब्रांच से पधारे ज्ञान प्रचारक मुखी महात्मा श्री रमेश कुमार जी वस्त्रकार ने नीमच स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन मालखेडा रोड नीमच में आध्यत्मिक संत्सग की अध्यक्षता करते हुए अपने विचारो में बताया कि निरंकारी मिशन से ब्रहमज्ञान को पाकर जीते जी मुक्ति है परम पिता परमाता निरंकार को जीते जी पाना ही मुक्ति है और परमात्मा की भक्ति में ही शक्ति है जो हम सबको सरलता से प्राप्त हो जाती है संतजन जो भक्ति ब्रहमज्ञान पाकर सुखी होता है। निस्वार्थ व सर्पण भाव से मानव की सेवा करे तो वह इसान जीते जी मुक्ति पाता है। इस (संसार) में ज्ञान के बिना, संसारिक माया का परदा सब पर भारी पडता है मानव शरीर रूप में जन्मता है और फिर मरता रहता है। लेकिन जो जन परमात्मा की भक्ति सदागुरू से जानकर करता है वो जीते जी ही मुक्त हो जाता है। निरंकारी मिशन में ऊच नीच के भेदभाव को मिटाता है, मिशन के पुरातन महान संतो को नमन करते हुए मिशन की विशेष गुणो की उनकी महानताओं व गुणो पर प्रकाश डाला इनका वचन अनमोल है। सदगुरू माता जी सुदीक्षा जी महाराज की कृपा व वचनो से आर्शीवाद प्रदान किया। सत्संग में निरंकारी प्रभु भाक्तों ने अपने-अपने विचार प्रकार किये गये एवं बाहर से पधारे जिसमें मंदसौर, मनासा, खडावदा व नीमच महू के महापुरूषों ने सत्सग को सम्बोधित किया निरंकारियों को विशाल सत्संग सम्पन्न हुआ। उक्त जानकारी मिडिया सहायक सी.एम.व्यास मुखी पदमजी ने दी। |
संत निरंकारी मिशन दिल्ली की ब्राच नीमच में 15 अगस्त को मुक्ति पर्व दिवस एक आध्यत्मिक सत्संग के रूप मनाया गया. इस दिन निरंकारी मिशन में विशेष इसलिये माना जाता है कि आजादी के स्वतंत्रता के साथ-साथ इस दिन मिशन में भी पूरातन समय के सदगुरू रूप में बाबा बूटासिंह, गुरुबच्चन जी माता वृद्धवति जी. बाबा हरदेवजी, माता सविन्दर जी बाबा रूपलाल जी ऐसे अनेक गुरू रूप के हुए। जिन्होने संत महा पुरूषों ने अपना सम्पूर्ण जीवन मानवता की सेवा में समर्पित कर जीवन मानवता की सेवा में समर्पित जीवन जिया और जीते जी मुक्ति पाई ऐसा महान प्ररेणा स्त्रोत संत निरंकारी सदगुरू ने अपना जीवन बलिदान किया व मुक्ति पाई है।
इंदौर जोन के (महु) ब्रांच से पधारे ज्ञान प्रचारक मुखी महात्मा श्री रमेश कुमार जी वस्त्रकार ने नीमच स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन मालखेडा रोड नीमच में आध्यत्मिक संत्सग की अध्यक्षता करते हुए अपने विचारो में बताया कि निरंकारी मिशन से ब्रहमज्ञान को पाकर जीते जी मुक्ति है परम पिता परमाता निरंकार को जीते जी पाना ही मुक्ति है और परमात्मा की भक्ति में ही शक्ति है जो हम सबको सरलता से प्राप्त हो जाती है
संतजन जो भक्ति ब्रहमज्ञान पाकर सुखी होता है। निस्वार्थ व सर्पण भाव से मानव की सेवा करे तो वह इसान जीते जी मुक्ति पाता है। इस (संसार) में ज्ञान के बिना, संसारिक माया का परदा सब पर भारी पडता है मानव शरीर रूप में जन्मता है और फिर मरता रहता है। लेकिन जो जन परमात्मा की भक्ति
सदागुरू से जानकर करता है वो जीते जी ही मुक्त हो जाता है।
निरंकारी मिशन में ऊच नीच के भेदभाव को मिटाता है, मिशन के पुरातन महान संतो को नमन करते हुए मिशन की विशेष गुणो की उनकी महानताओं व गुणो पर प्रकाश डाला इनका वचन अनमोल है। सदगुरू माता जी सुदीक्षा जी महाराज की कृपा व वचनो से आर्शीवाद प्रदान किया।
सत्संग में निरंकारी प्रभु भाक्तों ने अपने-अपने विचार प्रकार किये गये एवं बाहर से पधारे जिसमें मंदसौर, मनासा, खडावदा व नीमच महू के महापुरूषों ने सत्सग को सम्बोधित किया निरंकारियों को विशाल सत्संग सम्पन्न हुआ।
उक्त जानकारी मिडिया सहायक सी.एम.व्यास मुखी पदमजी ने दी।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |