|
मनासा।उपाश्रय उपवन है परमात्मा के प्रसुनों का,यहाँ ज्ञान-ध्यान,भक्ति-भाव व तप-साधना के पुष्प महकते है।गुरुभगवंतों के प्रवचन परमात्मा की वाणी का प्रसाद है..प्रभावना है,जिसने भी इस प्रभावना को पावन मन से पाया है उसको प्रभु ने जरूर तैराया है। व्यापार-व्यवसाय एवं काम-धंधे तो हम जीवन भर से कर रहे हैं और करते रहेंगें। परन्तु परमात्मा की वाणी श्रवण करने का,भक्ति करने का,ज्ञानीजन एवं गुरुजन के साथ सत्संग करने का अवसर बहुत मुश्किल से मिलता है अतः इस मौके का पूरा लाभ लेना चाहिए।
|
मनासा।उपाश्रय उपवन है परमात्मा के प्रसुनों का,यहाँ ज्ञान-ध्यान,भक्ति-भाव व तप-साधना के पुष्प महकते है।गुरुभगवंतों के प्रवचन परमात्मा की वाणी का प्रसाद है..प्रभावना है,जिसने भी इस प्रभावना को पावन मन से पाया है उसको प्रभु ने जरूर तैराया है। व्यापार-व्यवसाय एवं काम-धंधे तो हम जीवन भर से कर रहे हैं और करते रहेंगें। परन्तु परमात्मा की वाणी श्रवण करने का,भक्ति करने का,ज्ञानीजन एवं गुरुजन के साथ सत्संग करने का अवसर बहुत मुश्किल से मिलता है अतः इस मौके का पूरा लाभ लेना चाहिए।
उक्त विचार स्थानीय चिंतामणि पार्श्व जिनालय स्थित उपाश्रय में चातुर्मास हेतु विराजित साध्वीवर्या परम् पूज्य सौम्ययशा श्रीजी ने उपस्थित जैन समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। आपने बताया कि संसार के माया जाल में हम देव,गुरु,धर्म और व्यवहार को भूल बैठे है। दुनियाभर के जितने भी रिश्ते-नाते है कोई साथ देने वाले नही है हमारे पुण्य कर्म ही भव पार करवाएंगे।
पाट पर सुशोभित पूज्य अर्पिता श्रीजी ने कहा कि मन के दूषित विचार से भी हम नरक गति के भागी हो सकते हैं। क्रोध हमे त्रियंच गति में डाल सकता है। हमारे विचारों के अंदर कपट है,अभिमान है और ईर्ष्या है। जब कोई खतरा आता है तो हमें नींद नही आती है और जब नींद नही आती है तो विद्वेष के भाव जाग्रत होते है। पूज्य पन्थसिध्दि श्रीजी ने प्रथम मंगल में शुमार महावीर दूसरे मंगल गौतम स्वामी एवं तीसरे मंगल स्थूलिभद्र के बारे में प्रभावी प्रवचन प्रदान किये। व्याख्यान में श्रीसंघ अध्यक्ष श्री प्रकाश हिंगड़,श्री सूरजमल मानावत,श्री गोपाल सेठिया,श्री बसंतीलाल गाँधी एवं चातुर्मास समिति के अध्यक्ष प्रवीण मानावत, श्री सुरेश सेठिया,श्री गणेश जैन,श्री अनिल यति उपस्थित थे।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |