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चीताखेड़ा4 अप्रैल। बुधवार और गुरुवार को अंचल में हर परिवार की दशा और दिशा को अनुकूल करने वाली मां दशा माता का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा आस्था और श्रद्धा एवं भक्ति के साथ किया गया । महिलाओं ने दशा माता का पूजन किया और परिक्रमा आदि लगाकर भोग प्रसादी अर्पित की ।सुबह से लेकर शाम तक पूरे अंचल में श्रृंगारित सुहागिन महिलाओं ने थाली में पूजन सामग्री सजा कर तथा पुराना धागा उतारकर नया10 गांठ वाला सूत का धागा पूजन कर दशा माता के नाम का धारण किया ,वही दशा माता की कथा के श्रवण के बाद घरों की दीवारों पर मेहंदी एवं कुम कुम के स्वास्तिक चिन्ह एवं हाथों के छापे लगाएं, धूप, दीप ,अगरबत्ती और मेहंदी के साथ आरती उतार कर विशेष पकवान लापसी ,चावल का भोग लगाया। परंपरा अनुसार सनातन धर्म की महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों में सज धज कर पूजा करने के लिए माली मौहल्ले में स्थित रामलीला मैदान में पिपल की सुहागिनों ने बड़े ही उत्साह भरे माहौल में विधि विधान से पूजा अर्चना कर, कनिष्ठ उंगली से पीपल के तने से सूखी छाल का टुकड़ा उखाड़कर अपने घर पूजा अर्चना के स्थान पर रखती है ऐसा करने से घर की दशा अच्छी बनी रहती है घर की दशा को लेकर श्रद्धा रखने वाले कई पुरुषों ने भी पत्नी के साथ दशा माता का व्रत किया।कई गांवों और छोटे छोटे स्थानों पर बुधवार को भी तो कई जगह गुरुवार को दशा माता पर्व के रूप में पीपल की पूजा अर्चना की। |
चीताखेड़ा4 अप्रैल। बुधवार और गुरुवार को अंचल में हर परिवार की दशा और दिशा को अनुकूल करने वाली मां दशा माता का व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा आस्था और श्रद्धा एवं भक्ति के साथ किया गया । महिलाओं ने दशा माता का पूजन किया और परिक्रमा आदि लगाकर भोग प्रसादी अर्पित की ।सुबह से लेकर शाम तक पूरे अंचल में श्रृंगारित सुहागिन महिलाओं ने थाली में पूजन सामग्री सजा कर तथा पुराना धागा उतारकर नया10 गांठ वाला सूत का धागा पूजन कर दशा माता के नाम का धारण किया ,वही दशा माता की कथा के श्रवण के बाद घरों की दीवारों पर मेहंदी एवं कुम कुम के स्वास्तिक चिन्ह एवं हाथों के छापे लगाएं, धूप, दीप ,अगरबत्ती और मेहंदी के साथ आरती उतार कर विशेष पकवान लापसी ,चावल का भोग लगाया। परंपरा अनुसार सनातन धर्म की महिलाएं रंग-बिरंगे परिधानों में सज धज कर पूजा करने के लिए माली मौहल्ले में स्थित रामलीला मैदान में पिपल की सुहागिनों ने बड़े ही उत्साह भरे माहौल में विधि विधान से पूजा अर्चना कर, कनिष्ठ उंगली से पीपल के तने से सूखी छाल का टुकड़ा उखाड़कर अपने घर पूजा अर्चना के स्थान पर रखती है ऐसा करने से घर की दशा अच्छी बनी रहती है घर की दशा को लेकर श्रद्धा रखने वाले कई पुरुषों ने भी पत्नी के साथ दशा माता का व्रत किया।कई गांवों और छोटे छोटे स्थानों पर बुधवार को भी तो कई जगह गुरुवार को दशा माता पर्व के रूप में पीपल की पूजा अर्चना की।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |