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नीमच, निप्र। चैत्र नवरात्रि आगामी नौ अप्रेल से शुभ नक्षत्रों और शुभ योग के साथ शुरू होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां भगवती के नौ दिव्य स्वरूपों की उपासना की जाएगी। शहर के प्रमुख माता मंदिरों सहित अंचल के सभी माता मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे। इस दौरान आरोग्य स्थल भादवा माता और आंवरी माता, चीताखेड़ा में मेला भी लगेगा।
इस नवरात्रि में बन रहे यह खास योग
पंडित लोकेश शर्मा ने बताया कि नवरात्रि में सप्तशती का पाठ विशेष फलदायक होती है। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, देवी के विशिष्ट मंत्र का जाप, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ प्रतिदिन करने से रोग-शोक आदि का नाश होता है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार ऐसे अद्भुत संयोग के बीच होगी जब 5 राजयोगों का महासंयोग बना है। शुक्र मीन राशि में बुध के साथ लक्ष्मी नारायण योग बना रहे है। मेष राशि में सूर्य और बुध के संयोग से बुधादित्य राजयोग बनेगा। शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में शश राजयोग बना रहे हैं। वहीं शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में मालव्य राजयोग बना रहे है।
घट स्थापना का यह है मुहूर्त चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल रात 11.50 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 9 अप्रैल रात 8.30 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल मंगलवार के दिन होगा। पंचांग में बताया है कि इस दिन घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6.02 से 10.16 के बीच रहेगा। वही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.55 से दोपहर 12.48 तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि शुभ योग पंचांग बताया गया है कि चैत्र नवरात्रि के दिन रेवती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इस दिन रेवती नक्षत्र सुबह 07:32 तक रहेगा और उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि यह दोनों योग सुबह 07:32 से 10 अप्रैल सुबह 05:06 तक रहेगा. इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
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नीमच, निप्र। चैत्र नवरात्रि आगामी नौ अप्रेल से शुभ नक्षत्रों और शुभ योग के साथ शुरू होगी। नवरात्रि के नौ दिनों में मां भगवती के नौ दिव्य स्वरूपों की उपासना की जाएगी। शहर के प्रमुख माता मंदिरों सहित अंचल के सभी माता मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे। इस दौरान आरोग्य स्थल भादवा माता और आंवरी माता, चीताखेड़ा में मेला भी लगेगा।
इस नवरात्रि में बन रहे यह खास योग
पंडित लोकेश शर्मा ने बताया कि नवरात्रि में सप्तशती का पाठ विशेष फलदायक होती है। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, देवी के विशिष्ट मंत्र का जाप, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ प्रतिदिन करने से रोग-शोक आदि का नाश होता है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत इस बार ऐसे अद्भुत संयोग के बीच होगी जब 5 राजयोगों का महासंयोग बना है। शुक्र मीन राशि में बुध के साथ लक्ष्मी नारायण योग बना रहे है। मेष राशि में सूर्य और बुध के संयोग से बुधादित्य राजयोग बनेगा। शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में शश राजयोग बना रहे हैं। वहीं शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में मालव्य राजयोग बना रहे है।
घट स्थापना का यह है मुहूर्त
चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल रात 11.50 पर शुरू होगी और इस तिथि का समापन 9 अप्रैल रात 8.30 पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, नवरात्रि का शुभारंभ 9 अप्रैल मंगलवार के दिन होगा। पंचांग में बताया है कि इस दिन घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6.02 से 10.16 के बीच रहेगा। वही अभिजीत मुहूर्त सुबह 11.55 से दोपहर 12.48 तक रहेगा।
चैत्र नवरात्रि शुभ योग
पंचांग बताया गया है कि चैत्र नवरात्रि के दिन रेवती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। इस दिन रेवती नक्षत्र सुबह 07:32 तक रहेगा और उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। बता दें कि यह दोनों योग सुबह 07:32 से 10 अप्रैल सुबह 05:06 तक रहेगा. इस दौरान सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।
NDA | INDIA | OTHERS |
293 | 234 | 16 |
NDA | INDIA | OTHERS |
265-305 | 200 -240 | 15-30 |